Menu
blogid : 25241 postid : 1312300

रईस v/s काबिल (किसने किसे पछाड़ा)

smsduniya
smsduniya
  • 4 Posts
  • 0 Comment

साल के शुरुआत मे दो बड़ी फ़िल्मे बॉक्स ऑफीस पर छा चुकी है और जैसा के हम सभी जानते है की दोनो ही फ़िल्मो की अड्वान्स टिकेट बुकिंग थी और दोनो ही फ़िल्मो ने बहुत ही अच्छी शुरुआत की है! कमाई के मामले मे जहाँ शुरुआती हफ्ते मे रईस काबिल से कही ज़्यादा आगे थी लेकिन काबिल ने भी अपनी वापसी करते हुए बॉक्स ऑफीस पर अपनी पकड़ मज़बूत कर ली है, और रईस को कड़ी टक्कर दे रही है!
जहाँ एक तरफ रईस सस्पेन्स और मसाला टाइप एक्शन मूवी है और शाहरूख ख़ान और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी अपने अभिनय के बल पर फिल्म को लीक से हट कर ले जाते है और फिल्म को स्पेशल बना देते है! वही काबिल हार्ट टचिंग मूवी है, ऋतिक रोशन का पर्फॉर्मेन्स बहुत ही अच्छा है, यमी गौतम ने भी अपने अभिनय से लोगो का दिल जीता है, ट्रडीशनल मूवीस स्टोरी से हट कर है काबिल,
काबिल – एक अंधे कपल की कहानी
ये फिल्म मसाला मूवी से हट कर स्टोरी आधारित मूवी है! जिसमे ऋतिक रोशन ने एक अंधे का किरदार निभाया है वही यामी गौतम ने उनकी पत्नी/ प्रेमिका का रोल बहुत ही अच्छे से किया है! दोनो का एक मॉल मे बिछड़ जाने का सीन तो दर्शको मे समा बाँध देता है! फिल्म की कहानी ये है कि मोहल्ले के एक कॉर्पोरेटॉर का भाई अमित की गंदी निगाह यामी गौतम पर पड़ती है और वो उसे एक असफल प्रयास के बाद अपनी हवस का शिकार बना डालता है! सिस्टम भी उनका सपोर्ट करता है और दोनो अंधे कपल दर-दर इंसाफ़ के लिए भटकते है, लेकिन इंसाफ़ नही मिलता है इसका फ़ायदा उठा कर अमित एक बार फिर हेरोइन का रेप कर देता है और बार-बार रेप करने की धमकी देता है! इससे तंग आकर हेरोइन आत्महत्या कर लेती है और असहाय हीरो ने यही से बदला लेने और गुणडो को सबक सिखाने की ठानी लेकिन एक अंधे के लिए बदला लेना इतना आसान काम तो था नही और वो भी उन लोगो के खिलाफ जिनका साथ सिस्टम भी दे रहा हो बस इसी काम को ऋतिक ने बहुत ही बढ़िया तरीके से किया है! इसे देखने के लिए कम से कम एक बार तो आपको हाल तक आवशय ही जाना चाहिए! उर्वशी रतौली का “हसीनो का दीवाना” और टाइटल सॉंग “मैं तेरे काबिल हू या नही” ने लोगो का दिल जीत लिया है और दर्शको के बीच ये बहुत पसंद किया जा रहा है! उर्वशी रतौला का आइटम सॉंग ज़बदस्त है, दर्शको ने उसे काफ़ी सराहा है! संजय गुप्ता ने बहुत ही अच्छे से फिल्म को डाइरेक्ट किया है, ऐसा लगता है जैसे उन्होने फिल्म के एक-एक स्टेप के लिए बहुत ही मेहनत की और दूसरो से करवाई भी है! राकेश रोशन जी ने इस फिल्म को प्रोड्यूस किया है! फिल्म ने शुरू से ही लोगो को बाँधे रखा है! हालाँकि शुरुआती एक घंटे के बाद फिल्म का क्लिमेस शुरू हो जाता है और अंत तक दर्शको को दिल थाम कर फिल्म देंखने पर मजबूर कर देता है
रईस – एक गंगस्टर की कहानी
ये फिल्म आधारित है गुजरात राज्य के 1 लड़के के उपर जिसका नाम रईस था. वो बचपन से ही बड़ा बनना चाहता था, और बड़ा बनने के लिए शराब क धंधा शुरू किया और इस धंधे मे पहले से मौजूद अपने कॉम्पीटीटोर को ख़तम कर वो शराब के इस धंधे का बेताज बादशाह बन गया और देखते ही देखते वो सारे नेताओ और पुलिस को खरीद लिया था, ये कहानी उस वक़्त की है जब मुंबई मे ब्लास्ट और गुजरात मे दंगे हुए और रईस कि उस वक़्त के सी.एम. से अच्छे संबंध थे और सी.एम. उनका खास दोस्त भी था! सी.एम. की सरपरस्ती मे ही उसे अपना धंधा खूब बढ़ा लिया था और इसी बीच वो एम.एल.ए. बन गया था और बिल्डर बनने की कोशिश कर रहा था, इस बीच गुजरात दंगे हुए और मुंबई मे ब्लास्ट हुए तो गुजरात के उसी सी.एम. ने उसे बर्बाद कर दिया जिसने उसे बनाया था!
फिल्म की स्क्रीनप्ले बिल्कुल ही फिल्मी है. जैसे हीरो सन्नी लिओन के बालो की हेयर-पिन से किसी का मर्डर कर सकता है या चश्मे की डंडी से भी किसी को मौत के घाट उतार सकता है! ये सब फ़िल्मांकन एक दम फिल्मी नज़र आता है! एकदम मसाला फ़िल्मो की ही तरह स्क्रीनप्ले है! यहाँ तक बीवी के प्रेग्नेन्सी की न्यूज़ कब आई और बच्चा कब हुआ इसका भी कोई टाइम का फ़र्क नही रखा गया है! एंटरटेनमेंट के लिहाज़ से तो बिल्कुल ठीक ही है, लेकिन अगर आपने दिमाग़ लगाया तो शायद आप सिर पकड़ लेंगे,
डाइयलोग फिल्म की जान है, खास तौर पर ये डाइयलोग “अम्मी जान कहती है की कोई भी धंधा छोटा नही होता और धंधे से बड़ा कोई धरम नही होता है”! डाइयलॉग्स को लोग बहुत दीनो तक याद रखेंगे! फिल्म का म्यूज़िक भी बहुत ही शानदार है. सन्नी-लिओन के आइटम सॉंग ने तो दर्शको की खूब तालिया बटोरी, फिल्म का संगीत बिल्कुल मसाला फ़िल्मो का है! कास्टिंग फिल्म की ठीक नही लगती, खास कर नवाज़ुद्दीन एक ख़तरनाक इनस्पेक्टर के रोल मे फिट नही दिखते, क्यूकी पोलिटिशन और यहाँ तक के हवलदार के सामने भी वो बच्चे लगते है, बाकी पोलिटिशन के रोल मे सबने ठीक तरह ही काम किया है!
शाहरुख ख़ान ने बहुत ही बढ़िया एक्टिंग की है, ऐसी एक्टिंग वो पहले भी कई फ़िल्मो मे कर चुके है! माहिरा ख़ान और नवाज़ुद्दीन ने अपने रोल को ठीक तक ही किया है! ये फिल्म मारधाड़ और मसाले से भरपूर है और सबके साथ देखी जा सकती है! राहुल ढोलकिया ने अपने काम को अच्छे से किया है! उनके डरेक्शन मे ये फिल्म एक निखरी हुई फिल्म की तरह ही सामने आई है!
अगर देखा जाए तो शाहरुख ने अपनी भूमिका अच्छे से की है लेकिन माहिरा ने निराश किया है और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने अपने जाने माने अंदाज़ मे ही आक्टिंग की है लेकिन उनकी एक्टिंग उसे स्तर की भी नही थी जिस स्तर के अभिनय के लिए वो जाने जाते है! साथ ही साथ कहा जा सकता है की स्क्रिप्ट भी कमज़ोर थी! स्क्रिप्ट मे कुछ खास सयोजन की कमी दिखी, जिसे शाहरुख और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी ने अपने बेहतरीन अभिनय से अलग ही अंदाज़ मे लोगो के सामने पेश किया और लोगो को फिल्म देखने पर मजबूर कर दिया!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply